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निर्ग्रन्थता की राह पर


निर्ग्रन्थता की राह पर, बढ़ते रहें हम उम्र भर : जिनमार्ग भक्ति - YouTube

रचनाकार व स्वर : अमी बेन पारेख, राजकोट (गुजरात) अमी बेन के अन्य भजन सुनने के लिए यह लिस्ट अवश्य देखें ...

निर्ग्रन्थ भावना | Nirgranth Bhavna - Path - JinSwara Forum

निर्ग्रन्थता…।। अब तो रहूँ निर्जन वनों में, गुरुजनों के संग। शुद्धात्मा के ध्यानमय हो, परिणति असंग॥ निजभाव में ही लीन हो, मेटूं जगत ...

निर्ग्रन्थ भावना : ब्र. रवीन्द्र जी 'आत्मन' : अमी बेन पारेख - YouTube

निर्ग्रन्थता की भावना अब हो सफल मेरी : निर्ग्रन्थ भावना : ब्र ... कर्म अपने फल में जीव को जबरन नहीं जोड़ता - भाग 02 ...

02 निर्ग्रन्थ भावना (निर्ग्रन्थता की भावना अब हो सफल मेरी) - YouTube

02 निर्ग्रन्थ भावना (निर्ग्रन्थता ... 06 सांत्वनाष्टक (शांत चित्त हो निर्विकल्प हो, आत्मन निज में तृप्त रहो) : ज्ञान-वैराग्यमयी रचनाएँ - 1.

03 निर्ग्रन्थ भावना (निर्ग्रन्थता की भावना अब हो सफल मेरी) - YouTube

... पर उपलब्ध अन्य सभी ऑडियो भजन सुनने के ... जिनधर्म रहना चाहिए।जैन आध्यात्मिक ...

Sandhya Ben - All Bhajans - YouTube

02 निर्ग्रन्थ भावना (निर्ग्रन्थता की भावना अब हो सफल मेरी) ... में तृप्त रहो) : ज्ञान-वैराग्यमयी रचनाएँ - 1.

निर्ग्रंथ भावना (निर्ग्रंथता की भावना) ।। Nirgranth bhawna ।। Br ...

अब तो रहूँ निर्जन वनों में, गुरुजनों के संग। शुद्धात्मा के ध्यानमय हो, परिणति असंग॥ निजभाव में ही लीन हो, मेटूं जगत-फेरी || निर्ग्रन्थता…।। कोई अपेक्षा हो नहीं, निर्द्वन्द्व हो जीवन | संतुष्ट निज में ही रहूँ ...

निर्ग्रन्थता की भावना अब हो सफल मेरी- Vol 1 बा.ब्र.रवींद्र जी "आत्मन ...

निर्ग्रन्थ भावना- निर्ग्रन्थता की भावना अब हो सफल मेरी- Vol 1 बा. ... 7:41. Go to channel · निरवैर भी जी को शांतिवन से पंडा भवन फैलाने में लेकर जाया जा रहा है चार धाम यात्रा के लिए.

16 प्रवचन 01 | अभय निर्ग्रन्थता मुक्ति का साधन| नांदणी ... - Facebook

... | स्वयंभू स्तोत्र | श्लोक - 16 प्रवचन 01 | अभय निर्ग्रन्थता मुक्ति का साधन| नांदणी. ... रहे हैं कि प्रभु अभिनंदन ... पर एक ही लोई परियांंतर ...

णिग्गंथ - थुदी (निर्ग्रथ स्तुति)

हैं जिससे निर्ग्रन्थता केवल नग्नता रूप में ही मोक्षमार्ग का द्योतक हो ... के अन्तर्गत वर्तमान में लग रहे दोषों का निराकरण भी हो जाता है।

Bhakti - YouTube

निर्ग्रन्थता की राह पर, बढ़ते रहें हम उम्र भर : जिनमार्ग भक्ति : Amee Ben Parekh, Rajkot : Jainism. Divyadhwani Prasaaran.

इस वजह से निर्वस्त्र रहते हैं जैन मुनि, करते हैं कठिन व्रत का पालन - Patrika

निर्ग्रन्थता का अर्थ है क्रोध, मान, माया, लोभ ... जैन मुनियों को गर्मी, सर्दीा, बरसात सारे मौसम में एक समान रहना होता है।

16 प्रवचन 01 | अभय निर्ग्रन्थता मुक्ति का साधन| नांदणी - YouTube

आप देख रहे है परम पूज्य अध्यात्म योगी , चर्या शिरोमणि आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर महाराज जी के मंगल प्रवचन , विशुद्ध देशना लाइव यूट्यूब चैनल पर (vishuddh deshna) यह चैनल मुनि श्री ...

दिगम्बर जैन मुनि - जैन ज्ञान दर्शन

निर्ग्रन्थता का अर्थ जो क्रोध ... वे आजीवन ब्रह्मचर्य की साधना करते हैं अर्थात मन में किसी भी प्रकार का विकार नहीं लाते इसलिए नग्न रहते हैं।

संत शिरोमणि आचार्य गुरु विद्यासागरजी

... निर्ग्रन्थता का अर्थ जो क्रोध, मान ... में पहलीबार होंने जा रहा है। इसी के साथ ही ...

इरादत इससे हमें क्या बहस वह बुत है कि खुदा है । - न देखा कहीं वह जल्वा जो ...

से अब तक निराकार पूजक बने रहे हैं । ईसाईयत भी मूर्ति रूप से बची. रही तथा इस्लाम तो विश्व में अमूर्तता समर्थक ही नहीं, मूर्ति भञ्जक. के रूप में कुख्यात है ही, अपने को Iconoclast मानना उसके गर्व.

जो जो देखी वीतराग || Jo Jo Dekhi Veetrag (vitrag) || Jainism || Jain Bhajan

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रत्नत्रय से अनंत सुख की प्राप्ति – आचार्य श्री 108 सुबल सागर जी ...

गुरुजनों के आने पर उठकर खड़े होना ... इसी अनुकम्पा को देखते हुए एक सम्यग्दृष्टि मनुष्य उसकी सहायता करता है उसको योग्य वस्तु देने में भी तत्पर रहता है। निर्ग्रन्थता ...

धीरे-धीरे पर से मन हटाना है, निज में ठहर जाना है : आध्यात्मिक भजन

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प्रभो आपने एक ज्ञायक बताया, तिहूँ लोक में नाथ अनुपम जताया - YouTube

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